Wednesday, September 4, 2019

दिल तो बच्चा है जी -2


Kitchen में पानी की आवाज के साथ जैसे कान भी बज रहे थे, लगा जैसे फोन की ring बज रही है। मैं भाग कर बाहर आई, जरूर मम्मी जी का फोन होगा। 
शाम के 4:30 बजे थे, वहाँ सुबह के 6:30 बजे होंगे। 
मम्मी जी की आँख जल्दी खुल जाती है। वो India फोन लगाकर अपना time pass करने के साथ साथ अपना NRI धर्म भी निभा लेती हैं। हालांकि फोन वो भाभी से ही dial करवाती हैं। कारण अमेरिका में फोन dial करने में और receive करने में उन्हें डर लगता है। कोई logic समझ आया ???.....
खैर बाहर आ कर देखा....फोन तो शांति से सोफे पर पड़ा था, कोई भी missed call नहीं था। फिर याद आया भाभी India आई हैं, मम्मी जी को फोन करने का समय भी नहीं मिलता होगा ना फोन लगाने के लिए भैया....
मैं वापस kitchen में आकर नल खोलने ही जा रही थी कि ट्रिंग ट्रिंग- ट्रिंग ट्रिंग की लंबी ring सच में बजने लगी... सासु माँ telepathy......
फोन उठाते ही, ' हल्लो हल्लो' इधर से मैं बोली, 'हलो मम्मी', वो जरा ज़ोर से बोलीं, 'हल्लो नेहा हल्लो.....' मैं भी जोर से बोली ' हाँ मम्मी जय श्री कृष्ण, सुनाई दे रहा है??....' पर मुझे कोई जवाब दिये बिना उधर से मम्मी जी चिल्लाईं.....'अरे बेटा देख तो नेहा को मेरी आवाज ही नहीं आ रही, ये मरे यहाँ के फोन भी ना' ...और लो फोन कट गया। अब उन कोकिला aunty का message कैसे दूँ और चाची जी से जो news मिली वो कैसे बताऊँ? मम्मी जी फोन उठायेंगी नहीं और भैया को weekdays पर disturbance पसंद नहीं। 
खैर दोबारा फोन का इंतजार करने के अलावा कोई रास्ता भी नहीं। मैं वापस मुड़ने ही लगी थी कि... ट्रिंग ट्रिंग ....लेकिन landline पर।
इस बार फटाक से receiver उठाकर जोर से बोली, 'जय श्री कृष्ण मम्मी, सुनाई दे रहा है?' मम्मी बोलीं ' मुझे तो सब सुनाई दे रहा है, तेरा ही फोन ... तुझे ही नहीं सुनाई दे रहा, इसलिए landline पर करवाया' 
देखा .....शादी के इतने सालों बाद, सात समंदर पार से भी, हर बार सासुमाँ मुझे जताना नहीं भूलतीं कि बाॅस तो वो ही हैं।
मैंने दो सेकंड सोचा और जवाब दिया, 'मम्मी लगता है अब आप को कम सुनाई देने लगा है, मैं तो बोल रही थी आप ने सुना ही नहीं' झेंपी सी आवाज आई ' अच्छा??.... ऐसा तो.... किसी...ने... नहीं.... बोला' मैंने मन ही मन अपनी पीठ थपथपा ली...आज का स्कोर 1-लव, चाहे overall मैं ही हारती आ रही हूँ।
खैर सारी बातों के साथ मम्मी जी की फोन problem भी discuss हुई.... मैंने कहा मम्मी फोन सभी same हैं आप try तो करो।....गलत लग गया तो? ...वो बोलीं....मैंने offer किया ....आप मुझे फोन लगाओ.... और औरों का फोन receive भी करो आप को english समझ तो आती है, बोलना ना आये तो मत बोलना।
मैंने 4 trial calls लिए और माताजी का confidence वापस आ गया। पता नहीं ये बात पहले क्यों दिमाग में नहीं आई????
अब हर दूसरे दिन calls आने लगे। 
.......हमारा score इस समय तक same था मम्मी जी ने कोई तेज shot नहीं मारे थे.....मम्मी मुझसे खुश थीं।
जब मैंने weekend पर ये बातें पतिदेव को बताईं तो वो अपना input डालते हुए बोले ....चलो मैं मम्मी को video call करना सिखाता हूँ। 
उन्होंने उत्साह में शनिवार की सुबह को भैया को फोन लगाया। मम्मी को एक पुराना iPhone दिया गया। दोनों भाइयों ने FaceTime, WhatsApp दोनों calls सिखाए, practice करवाई और सोचा भी नहीं कि जो simple call से घबरा रही थीं वो एक साथ इतना कुछ कैसे याद रखेंगी।
इतवार की सुबह जब मम्मी के यहाँ शाम ही थी, मेरे android mobile की ring बजी...
हल्लो मैं दिख रही हूँ??? ... 
मैंने पूछा,' आप ने कौन सा call लगाया मम्मी? ये तो normal call है' ....वो बोलीं मैंने तो FaceTime किया है ....मम्मी FaceTime इनके और भैया भाभी के फोन पर होगा, मेरे में WhatsApp से video call करना पड़ेगा....और ये normal call है ..
...मुझे तो याद ही नहीं रहता....मायूस सी आवाज आई।
कोई बात नहीं मम्मी अभी पिछले हफ्ते तक तो आप फोन को हाथ भी नहीं लगा रहे थे ....मैंने मन में थोड़ा गर्व महसूस करते हुए कहा .....उन्होंने वो गर्व सुन लिया और एक तनतनाता हुआ shot आया ...
....मेरे बच्चों ने मुझे सब सिखा दिया है, मुझे लिख कर भी दिया है वो तो मैं ने बिना पढ़े फोन कर दिया इसलिए .....
...ठीक है....मेरे सुख के दिन बीत गए.... मैंने एक लंबी आह भरी।
अगले कुछ दिनों तक उनके बेटे के फोन पर practice calls आती रहीं, मुझे side line कर दिया गया था ...... बचपन की बिना बात की कट्टी याद आ गई।
दूसरे हफ्ते पतिदेव के फोन पर WhatsApp पर video call आई, मम्मी बोल रहीं थीं ' देख आज centre पर आई हूँ, यहाँ की छत दिख रही है ??'
ये बोले, नहीं....अच्छा ..थोड़ी परेशान सी आवाज आई।
ये देख टेबल पर नाश्ता दिख रहा है?? बड़ी उम्मीद से मम्मी जी ने पूछा।
मम्मी फोन में आप दिख रही हो तो नाश्ता कहाँ से दिखेगा? ये थोड़ा चिढ़ कर बोले। फिर संभले और मुस्कुराकर बोले शाम को भैया से पूछना, आप तो वैसे भी मेरी modern मम्मी हो, जल्दी सीख जाओगी।
.....अच्छा फिर किसी दिन ....मम्मी ने उम्मीद से कहा। ऐसे लगा इन फोन, WhatsApp, camera सब ने हमारी बुजुर्ग पीढ़ी को अपने नाती- पोतों के पास लाने का काम तो किया ही है, उनके अंदर के बच्चे को भी जगा दिया है। 
सही तो है उम्र कुछ भी हो ....दिल तो बच्चा है जी ...

No comments:

Post a Comment