perfume की जोरदार सुगंद्ध kitchen तक आ रही थी
'इतना perfume??? क्या बात है, कुछ खास है क्या?'
सोचकर बेडरूम की तरफ़ भागी...
ये क्या ...tight low waist jeans जिसमें से red undie दिख रही थी
tight T-shirt, colourful बेल्ट, बालों में gel, trendy shoes..
जिसमें से तोंद उमर का भेद खोल रही सी झाँक रही थी...
'धीरे से पूछा, कुछ है क्या? आज ऐसे तैयार हुए हो?'
"क्यों, तैयार होने में बुराई है क्या? मैं तो college में भी ऐसे ही तैयार होता था " वो बोले
अरे भले इंसान, उस बात को 15 साल से ऊपर हो गए हैं..., मैंने सोचा
'क्यों office में कोई नई लड़की join हुई है?' मैंने पूछा
'नई लड़की से मुझे क्या? मैं काम करने जाता हूँ, लड़कियां देखने नहीँ, मेरे पास इन सब के लिए time नहीं है' ....वो गुर्राए
'जैसे वो सब तो तुम्हें देखने के लिए मरी जा रही हैं'...गर्रगर्रगर्रगर्रगर्र मैं भी मन में गुर्राई, फिर बोली,' वो तो है'
वो खुद को mirror में निहार रहे थे, इतने में दरवाजे की घंटी बजी..टिंगटोंग
दरवाजा खोला, पेपर वाला आदमी था , 'साहब को बुलाईये' वो बोला
ये आये, तो बोला ' uncle मिलने को बोला था ' "हाँ" ये बोले .......
उसके जाने के बाद कहते हैं, 'खुद uncle है और मुझे uncle बोलता है, मैं uncle दिखता हूँ'
'अभी तो कॉलेज में था , अब uncle हो गया , विश्वास नहीं होता, young लड़के ऐसे बात करते हैं जैसे मैं कोई बड़ा senior citizen हूँ , मैं बुड्ढा थोड़े ही हूँ ' ये दुखी से बोले
'नहीं मेरे hero तुम बुड्ढे नहीं हुए पर अब college में नहीं रहे, अब सिर्फ समझ में नहीं, हर चीज़ में maturity की उम्मीद की जाती है, दुखी ना हो , लेकिन उमर की चांदी नज़र आ रही है, अब तुम्हे लड़कियां नहीं सिर्फ मैं ही देखूंगी' मैंने सोचा
इन्हें प्यार से देखा और मुस्कुरा कर कहा ,'अच्छे लग रहे हो आज तो बड़ी तारीफें मिलेंगी '
जब शाम घर लौटे तो बोले,' किसीने कुछ भी नहीं कहा, तुम तो कह रही थी बड़ी comments मिलेंगी, किसी ने देखा भी नहीं '
'मेरे प्यारे अब आदत डाल लो, तुम ही देखोगे और कोई न देखेगी, गुज़रा ज़माना नहीं आने वाला, उन दिनों को याद कर के आहें भर लो मैं कुछ न कहूँगी, जानती हूँ चालीस साल पर भी तुम्हारा, "दिल तो बच्चा है जी"......